5 Easy Facts About Shodashi Described
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The day is noticed with terrific reverence, as followers stop by temples, give prayers, and be involved in communal worship functions like darshans and jagratas.
सर्वाशा-परि-पूरके परि-लसद्-देव्या पुरेश्या युतं
॥ इति त्रिपुरसुन्दर्याद्वादशश्लोकीस्तुतिः सम्पूर्णं ॥
While in the context of electric power, Tripura Sundari's splendor is intertwined with her toughness. She's not merely the image of aesthetic perfection but in addition of sovereignty and overcome evil.
Upon strolling towards her historical sanctum and approaching Shodashi as Kamakshi Devi, her power will increase in depth. Her templed is entered by descending down a dark narrow staircase using a group of other pilgrims into her cave-llike abode. There are plenty of uneven and irregular actions. The subterranean vault is very hot and humid and nevertheless You will find a experience of protection and and security inside the dim mild.
ऐसा अधिकतर पाया गया है, ज्ञान और लक्ष्मी का मेल नहीं होता है। व्यक्ति ज्ञान प्राप्त कर लेता है, तो वह लक्ष्मी की पूर्ण कृपा प्राप्त नहीं कर सकता है और जहां लक्ष्मी का विशेष आवागमन रहता है, वहां व्यक्ति पूर्ण ज्ञान से वंचित रहता है। लेकिन त्रिपुर सुन्दरी की साधना जोकि श्री विद्या की भी साधना कही जाती है, इसके बारे में लिखा गया है कि जो व्यक्ति पूर्ण एकाग्रचित्त होकर यह साधना सम्पन्न कर लेता है उसे शारीरिक रोग, मानसिक रोग और कहीं पर भी भय नहीं प्राप्त होता है। वह दरिद्रता के अथवा मृत्यु के वश में नहीं जाता है। वह व्यक्ति जीवन में पूर्ण रूप से धन, यश, आयु, भोग और मोक्ष को प्राप्त करता है।
सर्वसम्पत्करीं वन्दे देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥३॥
वृत्तत्रयं च धरणी सदनत्रयं च श्री चक्रमेत दुदितं पर देवताया: ।।
या click here देवी दृष्टिपातैः पुनरपि मदनं जीवयामास सद्यः
Her magnificence is usually a gateway to spiritual awakening, earning her an object of meditation and veneration for all those looking for to transcend worldly dreams.
लक्ष्या या पुण्यजालैर्गुरुवरचरणाम्भोजसेवाविशेषाद्-
कामाक्षीं कामितानां वितरणचतुरां चेतसा भावयामि ॥७॥
Celebrations like Lalita Jayanti emphasize her significance, where by rituals and offerings are made in her honor. The goddess's grace is thought to cleanse past sins and lead one particular towards the last word intention of Moksha.
मन्त्रिण्या मेचकाङ्ग्या कुचभरनतया कोलमुख्या च सार्धं