Facts About Shodashi Revealed
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कस्तूरीपङ्कभास्वद्गलचलदमलस्थूलमुक्तावलीका
रागद्वेषादिहन्त्रीं रविशशिनयनां राज्यदानप्रवीणाम् ।
Shodashi is known for guiding devotees toward larger consciousness. Chanting her mantra encourages spiritual awakening, encouraging self-realization and alignment Using the divine. This profit deepens internal peace and knowledge, building devotees far more attuned for their spiritual objectives.
साम्राज्ञी चक्रराज्ञी प्रदिशतु कुशलं मह्यमोङ्काररूपा ॥१५॥
The devotion to Goddess Shodashi is actually a harmonious blend of the pursuit of magnificence and The search for enlightenment.
श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥६॥
ഓം ശ്രീം ഹ്രീം ക്ലീം ഐം സൗ: ഓം ഹ്രീം ശ്രീം ക എ ഐ ല ഹ്രീം ഹ സ ക ഹ ല ഹ്രീം സ ക ല ഹ്രീം സൗ: ഐം ക്ലീം ഹ്രീം ശ്രീം
Within the sixteen petals lotus, Sodhashi, who is the shape of mother is sitting down with folded legs (Padmasana) gets rid of click here each of the sins. And fulfils each of the needs with her sixteen different types of arts.
भगवान् शिव ने कहा — ‘कार्तिकेय। तुमने एक अत्यन्त रहस्य का प्रश्न पूछा है और मैं प्रेम वश तुम्हें यह अवश्य ही बताऊंगा। जो सत् रज एवं तम, भूत-प्रेत, मनुष्य, प्राणी हैं, वे सब इस प्रकृति से उत्पन्न हुए हैं। वही पराशक्ति “महात्रिपुर सुन्दरी” है, वही सारे चराचर संसार को उत्पन्न करती है, पालती है और नाश करती है, वही शक्ति इच्छा ज्ञान, क्रिया शक्ति और ब्रह्मा, विष्णु, शिव रूप वाली है, वही त्रिशक्ति के रूप में सृष्टि, स्थिति और विनाशिनी है, ब्रह्मा रूप में वह इस चराचर जगत की सृष्टि करती है।
मुख्याभिश्चल-कुन्तलाभिरुषितं मन्वस्र-चक्रे शुभे ।
यहां पढ़ें त्रिपुरसुन्दरी कवच स्तोत्र संस्कृत में – tripura sundari kavach
Chanting the Mahavidya Shodashi Mantra sharpens the mind, improves concentration, and increases mental clarity. This advantage is valuable for college students, pros, and people pursuing intellectual or Imaginative aims, as it fosters a disciplined and focused approach to jobs.
कर्तुं देवि ! जगद्-विलास-विधिना सृष्टेन ते मायया
प्रासाद उत्सर्ग विधि – प्राण प्रतिष्ठा विधि